मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Sunday, 3 December 2017
मेरी मिसरी डली
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सोनचिरई मेरी मिसरी डली बगिया की मेरी गुलाबी कली प्रथम प्रेम का अंकुर बन जिस पल से तुम रक्त में घुली रोम-रोम, तन-मन की ...
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