मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मैं प्रकृति के प्यार में हूँ
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Thursday, 11 February 2021
मैं प्रकृति के प्यार में हूँ...।
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मैं प्रकृति के प्यार में हूँ...। किसी उजली छाँह की तलाश नहीं है किसी मीठे झील की अब प्यास नहीं है, नभ धरा के हाशिये के आस-पास धडक रही है धीम...
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