मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मौन हूँ मैं....छंदयुक्त सामाजिक कविता
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मौन हूँ मैं....छंदयुक्त सामाजिक कविता
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Wednesday, 18 December 2019
मौन हूँ मै
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हवायें हिंदू और मुसलमान हो रही हैं, मौन हूँ मैं,मेरी आत्मा ईमान खो रही हैं। मेरी वैचारिकी तटस्थता पर अंचभित जीवित हूँ कि नहीं सा...
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