मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Friday, 18 August 2017
युद्ध
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(1) जीवन मानव का हर पल एक युद्ध है मन के अंतर्द्वन्द्व का स्वयं के विरुद्ध स्वयं से सत्य और असत्य के सीमा रेखा पर झूलते असंख्...
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