मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Sunday, 20 August 2017
हादसा
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हंसते बोलते बतियाते लोग पोटली में बँधे सफर की ख्वाहिशें अपनों के साथ कुछ सपनों की बातें अनजानों के साथ समसामयिक चर्चायें अचार और पूरि...
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