मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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रोशनी की तलाश....अतुकांत कविता
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Saturday, 8 April 2017
रोशनी की तलाश
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रोशनी की तलाश --------- मन का घना वन, जिसके कई अंधेरे कोने से मैं भी अपरिचित हूँ, बहुत डर लगता है तन्हाईयों के गहरे दलदल से, जो खी...
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