मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 21 November 2017
एक लड़की.......कथा काव्य
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सारी दुनिया से छुप- छुपकर वो ख़ुद से बातें करती थी नीले नभ में चिड़ियों के संग बहुत दूर उड़ जाती थी बना के मेघों का घरौंदा हवा में ही...
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