मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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व्यथा एक मन की....अतुकांत कविता
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Friday, 7 April 2017
व्यथा एक मन की
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व्यथा एक मन की ---------- एक कमरा छोटा सा एक बेड,उस पर बिछे रंगीन चादर आरामदायक कुशन जिसपर काढ़े गये गुलाब के ढेर सारे फूल दो लकड़ी...
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