मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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शब्द...तुकांत कविता
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Saturday, 12 January 2019
शब्द
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मौन हृदय के आसमान पर जब भावों के उड़ते पाखी, चुगते एक-एक मोती मन का फिर कूजते बनकर शब्द। कहने को तो कुछ भी कह लो न कहना जो...
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