मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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संदेशवाहक.... चिडिया..छंदमुक्त कविता # प्रकृति
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Wednesday, 10 August 2022
संदेशवाहक
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अनगिनत चिडियाँ भोर की पलकें खुरचने लगीं कुछ मँडराती रही पेडों के ईर्द-गिर्द कुछ खटखटाती रही दरवाज़ा बादलों का...। कुछ हवाओं संग थिरकती हुई ग...
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