मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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साधारण होना...छंदमुक्त कविता..विचार मंथन
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Monday, 6 July 2020
साधारण होना...
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रोटी-दाल, चावल-सब्जी से इतर थाली में परोसी गयी पनीर या खीर देख खुश हो जाना, बहुत साधारण बात होती है शायद... भरपेट मनपसं...
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