मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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सुनो न माँ....छंदमुक्त कविता
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सुनो न माँ....छंदमुक्त कविता
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Saturday, 11 May 2019
सुनो न माँ....
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मातृ दिवस का कितना औचित्य है पता नहीं..। माँ तो हमेशा से किसी भी बच्चे के लिए उसके व्यक्तित्व का अस्तित्व का हिस्सा है न...फिर एक दिन ...
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