मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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सोच ज़माने की....छंदमुक्त कविता
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सोच ज़माने की....छंदमुक्त कविता
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Thursday, 31 October 2019
सोच ज़माने की
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लच्छेदार बातों के सुंदर खोल में बसा आधुनिक युग की बेटियों का संसार मुट्ठीभर प्रगतिशील बेटियों से हटाकर आँखें कल्पनाओं के तिलिस्म क...
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