मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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स्त्रियों ने जिलाए रखा है...स्त्री विमर्श# छंदमुक्त कविता
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स्त्रियों ने जिलाए रखा है...स्त्री विमर्श# छंदमुक्त कविता
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Wednesday, 29 September 2021
स्त्रियोंं ने जिलाए रखा है
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संवेदना से भरी साधारण स्त्रियाँ अपनी भावनाओं को ज्ञानेंद्रियों से ज्यादा महसूसती है स्नेहिल रिश्तों को नाजुक डोर की पक्की गाँठ से बाँधकर ...
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