मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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स्त्री ..एक मंथन...अतुकांत कविता
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Friday, 8 March 2019
स्त्री:वैचारिकी मंथन
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गोरी,साँवली,गेहुँआ,काली मोटी,छोटी,दुबली,लम्बी, सुंदर,मोहक,शर्मीली,गठीली लुभावनी,मनभावनी,गर्वीली कर्कशा,कड़वी,कंटीली विविध सं...
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