मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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स्मृतियों का ताज़महल...याद कविता
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Friday, 31 March 2017
स्मृतियों का ताजमहल
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समेटकर नयी पुरानी नन्ही नन्हीं ख्वाहिशें, कोमल अनछुए भाव पाक मासूम एहसास, कपट के चुभते काँटे विश्वास के चंद चिथड़़े, अवहेलना के अगू...
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