मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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होना चाहती हूँ प्रेम... छंदमुक्त कविता #प्रेम
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होना चाहती हूँ प्रेम... छंदमुक्त कविता #प्रेम
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Sunday, 13 February 2022
प्रेम.....
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बनते-बिगड़ते,ठिठकते-बहकते तुम्हारे मन के अनेक अस्थिर, जटिल भाव के बीच सबसे कोमल स्थायी एहसास बनकर निरंतर तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ मैं... ...
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