मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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५.तुम्हारी सदा....विरह कविता
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Friday, 17 February 2017
तुम्हारी सदा
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तन्हाई में बिखरी खुशबू ए हिना तेरी है वीरान खामोशियों से आती सदा तेरी है टपक टपक कर भरता गया दामन मेरा फिर भी खुशियों की माँग रहे दुआ...
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