मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Monday, 20 February 2017
वजह
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उदास रात के दामन मेंं बिसूरती चाँदनी खामोश मंजर पसरा है मातमी सन्नाटा ठंडी छत पर सर्द किरणें बर्फीला एहसास कुहासे जैसे घने ब...
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