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Saturday, 1 July 2017

मैं तुमसे मिलने आऊँगी

हरपल मुझको महसूस करो
मैं तुमसे मिलने आऊँगी

भोर लाली के रंग चुरा
पलकों पे तेरे सजाऊँगी
तुम मीठे से मुस्काओगे
प्रथम रश्मि की गरमाहट
मैं उजास भर जाऊँगी

पंखुड़ियाँ कोमल नाजुक
अपने हाथों में भर भर के
मैं तुमसे मिलने आऊँगी
मलकर महक गुलाब की
चुन सारे काँटे ले जाऊँगी

न कुम्हलाओ  धूप मे तुम
मैं आँचल सा बिछ जाऊँगी
बनकर लहराती इक बदरी
बारिश रिमझिम रिमझिम
तन को शीतल कर जाऊँगी

चाँद हाथ में लेकर रात को
चुनरी झिलमिल तारों की
गलियारें में आसमां के
बिन बोले खामोशी से
बस तेरी मैं हो जाऊँगी

मैं न समझूँ कुछ न समझूँ
क्या जाने मैं क्या पाऊँगी
तुमको ही दिल ने जाना है
इक डोर नेह के बाँध के मैं
सारे एहसास जगाऊँगी

तेरे मौन का कोई गीत बनूँ
तेरी तन्हाई में चुपके से फिर
मैं तुमसे मिलने आऊँगी


#श्वेता🍁



23 comments:

  1. woderful..https://goo.gl/zHiN2F

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  2. मन के पाखी, चंदा साखी
    अम्बर में तारे बिछाऊंगी
    भगजोगनी की भुकभुक बाती
    पथ में तेरे सजाऊंगी
    प्राण अपान समान सजन बन
    मन प्रांतर छा जाउंगी
    हे परम बरहम प्राण पुरुष
    मैं प्राकृत चेतन पा जाउंगी।
    ....................
    मै तुमसे मिलने आउंगी!
    वाह अनंत के पथिक की उत्कट अभिलाषा का नैसर्गिक उत्सव विलास! बधाई!!!

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    1. वाहहह..क्या.बात बहुत खूब लिखा आपने प्रतिक्रिया स्वरूप... सबसे सुंदर पंक्ति भगजोगनी की भुक भुक बाती...आँचलिक भाषा की सुषमा बहुत भायी।👌👌
      बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका।

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  3. वाहः वाहः
    बहुत खूबसूरत सृजन

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।

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  4. वाह! वाह! क्या कहने हैं! पूरी रचना श्रंगार से सराबोर!लाजवाब प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया सर आपका।

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  5. शाश्वत प्रेम की बेहद खुबसूरत अनुभूति और अभिव्यक्ति
    वाह !!!!!
    शुभकामनायें

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका आदरणीय,
      आपके शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।

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  6. वाकई शाश्वत प्रेम की अनूठी रचना। मन को भाव विभोर करती है। खूबसूरत।

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    1. बहुत आभार शुक्रिया आपका।

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    1. बहुत शुक्रिया आभार रितु जी आपका।

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  8. Replies
    1. बहुत आभार शुक्रिया आपका P.K ji

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  9. बहुत खूब ,
    हिन्दी ब्लॉगिंग में आपका लेखन अपने चिन्ह छोड़ने में कामयाब है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
    मानती हैं न ?
    मंगलकामनाएं आपको !
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

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    1. जी सर, सच कहा आपने । लेखन मेरे लिए ईश्वर की साधना जैसे है आपने मेरी रचना पढ़ी और समझा मेरे भावों को हृदय से आभारी है आपके।

      सर, आपकी मंगल कामनाओं के लिए हार्दिक आभार।। आपकी प्रतिक्रिया विशेष महत्व रखती है।
      कृपया अपना आशीष बनाये रखे।

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  10. वाह ! सुंदर ! मायूस दिल में उमंगें जगाने की कोशिशें सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करती हैं। बेहतरीन बिम्बों प्रतीकों से सजी मर्म को छूकर ख़ुशनुमा एहसासों से भरती सरस सरल सुगढ़ मोहक रचना। बधाई एवं शुभकामनाऐं।

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  11. जी,आपकी सुंदर,सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिए अति आभार आपका रवींद्र जी।
    आपकी शुभकामनाएँ सदैव अपेक्षित है।

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  12. खूबसूरत रचना श्रंगार से सराबोर लाजवाब प्रस्तुति.....शुभकामनाएँ

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  13. सादगी में खूबसूरती का उदाहरण है आप
    चंद शब्दों में वो कह देती है जो किताब भी ना कहे पाए
    एक गजब की खूबसूरती है आप के लेखन में
    जो अपनी ओर खींचती है।
    कमाल लिखती है आप

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  14. वाह! श्वेता जी बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।