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हायकु
आवारा मन
भटके आस पास
बस तेरे ही
कोई न सही
पर हो सब तुम
मानते तो हो
तुम्हें सोचूँ न
ऐसा कोई पल हो
जाना ही नहीं
खुश रहो तो
तुमको देख कर
मुसकाऊँ मैं
बरस रही
बूँद बूँद बरखा
नेह से भरी
श्वेत चुनर
रंगी प्रीत में तेरी
सतरंगी सी
अनंत तुम
महसूस होते हो
पल पल में
पास या दूर
फर्क नहीं पड़ता
एहसास हो
#श्वेता🍁
बहुत शानदार हाइकू
ReplyDeleteउम्दा हाइकु ! बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत आभार शुक्रिया आपका ध्रुव जी।
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया आपका लोकेश जी।
Deleteसुन्दर हाइकु -श्रृंखला।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका रवीन्द्र जी।
Deleteसुंदर हायकू
ReplyDeleteजी बहुत आभार मीना जी।
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