Pages

Wednesday, 6 September 2017

घोलकर तेरे एहसास


अश्आर
-----
घोलकर तेरे एहसास जेहन की वादियों में
मुस्कुराती हूँ तेरे नाम के गुलाब खिलने पर

तेरा ख्याल धड़कनों की ताल पर गूँजता है
गुनगुनाते हो साँसों में जीवन रागिनी बनकर

तन्हाई के आगोश में लिपटी रिमझिम यादें
भींगो जाती है कोना कोना मन के आँगन का

खामोशियों में फैलती तेरी बातों की खुशबू
महक जाते है जज़्बात तुम्हें महसूस करके

जबसे बाँधा है गिरह तेरे दिल से मेरे दिल ने
कोई दूजा ख्वाब आता नहीं पलकों के दायरे में

         #श्वेता🍁

18 comments:

  1. श्रृंगार रस से सराबोर सुन्दर रचना स्वेता जी ... वंदना बाजपेयी

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत हार्दिक आभार आपका वंदना जी।

      Delete
  2. बेहद खूबसूरत भाव संयोजन श्वेता जी .

    ReplyDelete
    Replies
    1. बेहद आभार एवं तहेदिल.से शुक्रिया आपका मीना जी।

      Delete
  3. बेहद लाजवाब....
    बहुत ही सुन्दर....
    वाह?

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से बहुत बहुत शुक्रिया एवं आभार आपका सुधा जी।

      Delete
  4. बहुत खूबसूरत भाव व शब्द संयोजन श्वेता जी. सुन्दर रचना. सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार तहेदिल से बहुत सारा शुक्रिया आपका अपर्णा जी।

      Delete
  5. प्राण पाश, हे प्राण! तुम्हारे,
    श्वासों में सुरभि घोल गए।
    दे अंग अंग ऊष्मा चेतन ,
    बंधन ग्रंथि के खोल गए।.......बहुत सुकोमल भाव . शुभकामना !!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपकी की सुंदर विशेष पंक्तियों के लिए अति आभार विश्वमोहन जी।
      आपकी शुभकानाएं सदैव बनी रही।आभार आपका।

      Delete
  6. हर एक लफ्ज सन्देश से भरा श्वेता जी प्रस्तुति के लिए आभार !

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका संजय जी काफी दिनों बाद आपकी प्रतिक्रिया पाकर अच्छा लगा।
      तहेदिल से शुक्रिया बहुत सार।

      Delete
  7. प्रेम से परिपुर्ण सुंदर अभिव्यक्ति, स्वेता!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार तहेदिल से शुक्रिया आपका ज्योति जी।

      Delete
  8. जबसे बाँधा है गिरह तेरे दिल से मेरे दिल ने
    कोई दूजा ख्वाब आता नहीं पलकों के दायरे में------ क्या बात है !!!!! अनुराग के चरम को छूती रचना ----

    ReplyDelete
    Replies
    1. अति आभार आपका रेणुजी, आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए तहेदिल से शुक्रिया।

      Delete
  9. बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति
    सुंदर रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहीत बहुत आभार एवं शुक्रिया आपका लोकेश जी।

      Delete

आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।