हमारे लिए
दीवार बने खड़े
वीर जवान
बुझा दीपक
शहीद के घर में
कैसी दिवाली
जला के दीप
शहीदों के नाम पे
सम्मान देना
माँ बाबू रोये
अंधियारा छाया है
अँगना आज
भींगी रंगोली
अँसुवन की धार
जीवन सूना
वीर शहीद
तारे बन चमके
दीवाली रात
मातृभूमि का
हृदय से मान ही
श्रद्धांजलि है
बेहतरीन हाईकू
ReplyDeleteसादर
अति आभार दी:))
Deleteमन को छूती!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से शुक्रिया आपका विश्वमोहन जी।
Deleteवीर शहीद
ReplyDeleteतारे बन चमके
दीवाली रात
मातृभूमि का
हृदय से मान ही
श्रद्धांजलि है। बहुत ही सुंदर दिल को छूती रचना स्वेता।
दीवाली की आपको एवं आपके पूरे परिवार को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
बहुत बहुत आभार आपका ज्योति जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका।आपको भी सपरिवार दीवाली की शुभकामनाएँ जी। सप्रेम।
Deleteवीर शहीद
ReplyDeleteतारे बन चमके
दीवाली रात.... बहुत सुदर , स्वेता जी ... आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं - वंदना बाजपेयी
बहुत बहुत आभार आपका वंदना जी।दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको भी वंदना जी।
Deleteबेहतरीन हाइकु . दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ .
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका मीना जी,तहेदिल से शुक्रिया आपका।दीपोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएँ आपको।
Deleteबहुत सुंदर हायकू.
ReplyDeleteदीपोत्सव की मंगल कामनाएं !
बहुत बहुत आभार आपका राजीव जी।तहेदिल से शुक्रिया।दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको भी।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteलाजवाब हायकू....
बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी।तहेदिल से शुक्रिया आपका।
Deleteवीर शहीद
ReplyDeleteतारे बन चमके
दीवाली रात
.....बेहतरीन हाइकु स्वेता जी गोवर्घन पूजा की शुभ कामनाएँ
बहुत बहुत आभार आपका,तहेदिल से शुक्रिया आपका संजय जी।
Deleteत्योहारों की खूब सारी शुभकामनाएँ आपको भी:)
आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/10/40.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteअति आभार आपका आदरणीय राकेश जी।रचना को मान देने के लिए हृदय से अति आभार।
Deleteमर्मस्पर्शी रचना
ReplyDeleteसच जिसके घर का चिराग बुझा हो वहां कैसी दिवाली
बहुत बहुत आभार कविता जी तहेदिल से शुक्रिया आपका।सही कहा आपने बिल्कुल।
Deleteसुन्दर।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका सर।
Deleteशहीदों को नमन करते हुये बहुत सुन्दर हाइकू।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आदरणीय।
Deleteकम शब्दों में बहुत कुछ कहती रचनायें
ReplyDeleteसभी हाइकू नमन हैं वीर सैनिकों को ... कितना कुछ बोलते छोटे शब्द ...
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