मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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आकुल रश्मियाँ.... छंदमुक्त कविता
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Wednesday, 3 April 2019
आकुल रश्मियाँ
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पत्थर की सतह पर लाजवन्ति के गमले केे पीछे गालों पर हाथ टिकाये पश्चिमी आसमां के बदलते रंग में अनगिनत कल्पनाओं में विलीन निःशब्द...
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