मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Thursday 16 April 2020
सच
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किसी सिक्के की तरह सच के भी दो पहलू होते हैं...! आँखों देखी सच का अनदेखा भाग समझ के अनुसार सच होता है। सच जानने की उत्कंठ...
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