मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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उम्र अटकी रह जाती है ...जीवन यात्रा..दार्शनिक... छंदमुक्त कविता
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Friday, 19 March 2021
उम्र अटकी रह जाती है
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विचारों के विशाल सिंधु की लयबद्ध लहरें मथती रहती है अनवरत, मंथन से प्राप्त विष-अमृत के घटो का विश्लेषण करता जीवन नौका पर सवार 'उम्र...
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