मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 3 March 2020
उम्र
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उम्र के पेड़ से निःशब्द टूटती पत्तियों की सरहराहट, शिथिल पलों में सुनाई पड़ती है, मौन एकांत में समय की खुली संदूकची से ...
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