मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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क्या विशेष हो तुम?...छंदमुक्त कविता..सामाजिक#मजदूर
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क्या विशेष हो तुम?...छंदमुक्त कविता..सामाजिक#मजदूर
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Tuesday, 19 May 2020
क्या विशेष हो तुम?
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ये तो सच है न!! तुम कोई वीर सैनिक नहीं, जिनकी मृत्यु पर देश गर्वित हो सके। न ही कोई प्रतापी नेता जिनकी मौत क...
19 comments:
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