मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 16 April 2019
गर्मी के दिन
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राग-रंग बदला मौसम का बदले धूप के तेवर रुई धुन-धुन आसमान के उड़ गये सभी कलेवर सूरज की पलकें खुलते ही लाजवंती बने पेड़ विशाल ...
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