मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तीसरे पहर.....प्रकृति छंदमुक्त कविता
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Friday, 12 July 2019
तीसरे.पहर
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सुरमई रात के उदास चेहरे पर कजरारे आसमां की आँखों से टपकती है लड़ियाँ बूँदों की झरोखे पे दस्तक देकर जगाती है रात के तीसरे पहर ...
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