मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तुम नील गगन में.....प्रेम कविता
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Thursday, 12 July 2018
तुम नील गगन में
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आँखों में भर सूरत उजली मैं स्वप्न तुम्हारे बुनती हूँ तुम नील गगन में रहते हो मैं धरा से तुमको गुनती हूँ न चाहत तुमको पाने की...
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