मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तुम हो तो....प्रेम कविता छंदमुक्त
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Monday, 27 May 2019
तुम हो तो...
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तुम हो तो तार अन्तर के गीत मधुर गुनगुनाती है प्रतिपल उठती,प्रतिपल गिरती साँसें बुलबुल-सी फुदक-फुदककर शोर मचाती है। बिना छु...
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