मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तुमसे प्रेम करते हुए...(३) प्रेम कविता# तुकांत
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तुमसे प्रेम करते हुए...(३) प्रेम कविता# तुकांत
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Wednesday, 18 May 2022
तुमसे प्रेम करते हुए...(३)
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सिलवट भरे पन्नों पर जो गीली-सी लिखावट है, मन की स्याही से टपकते, ज़ज़्बात की मिलावट है। पलकें टाँक रखी हैं तुमने भी तो,देहरी पर, ख़ामोशियों की ...
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