मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
Pages
(Move to ...)
Home
प्रकृति की कविताएं
दार्शनिकता
छंदयुक्त कविताएँ
प्रेम कविताएँ
स्त्री विमर्श
सामाजिक कविता
▼
Showing posts with label
तेरा साथ प्रिय....छंदात्मक कविता
.
Show all posts
Showing posts with label
तेरा साथ प्रिय....छंदात्मक कविता
.
Show all posts
Saturday 7 October 2017
तेरा साथ प्रिय
›
जीवन सिंधु की स्वाति बूँद तुम चिरजीवी मैं क्षणभंगुर, इस देह से परे मन बंधन में मादक कुसुमित तेरा साथ प्रिय। पल पल स्पंदित सम्म...
25 comments:
›
Home
View web version