मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Sunday, 6 August 2017
भैय्या तेरी याद
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बचपन की वो सारी बातें स्मृति पटल पर लोट गयी तुम न आओगे सोच सोच भरी पलकें आँसू घोंट गयी वीरगति को प्राप्त हुये तुम भैय्या तुम पर हम...
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