मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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पुरानी डायरी....अतुकान्त कविता
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Wednesday, 7 June 2017
पुरानी डायरी
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सालों बाद आज हाथ आयी मेरी पुरानी डायरी के खोये पन्ने, फटी डायरी की खुशबू में खोकर, छूकर उंगलियों के पोर से गुजरे वक्त को ...
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