मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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बवाल....छंदात्मक कविता
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Wednesday 17 January 2018
बवाल
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खुल के कह दी बात दिल की तो बवाल लिख दिये जो ख़्वाब दिल के तो बवाल इधर-उधर से ढ़ूँढते हो रोज़ क़िस्से इश्क़ के हमने लफ़्ज़ों में बयां ...
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