मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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बसंत....लयात्मक कविता
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Saturday, 20 January 2018
बसंत
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भाँति-भाँति के फूल खिले हैं रंग-बिरंगी लगी फुलवारी। लाल,गुलाबी,हरी-बसंती महकी बगिया गुल रतनारी।। स्वर्ण मुकुट सुरभित वन उपवन ...
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