मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Thursday, 21 September 2017
भगवती नमन है आपको
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जय माता की🍁 शक्तिरूपा जगतव्यापिनी, भगवती नमन है आपको। तेजोमय स्वधा महामायी ,भगवती नमन है आपको। दिव्य रूप से मोहती, मुख प्रखर रश्मि ...
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Sunday, 13 August 2017
कान्हा जन्मोत्सव
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कान्हा जन्मोत्सव की शुभकामना एँ भरी भरी टोकरी गुलाब की कान्हा पे बरसाओ जी बेला चंपा के इत्र ले आओ इनको स्नान कराओ जी मोर मुक...
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Sunday, 11 June 2017
हिय के पीर
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माने न मनमोहना समझे न हिय के पीर विनती करके हार गयी बहे नयन से नीर खड़ी गली के छोर पे बाट निहारे नैना अबहुँ न आये साँवरे बेकल जिया अधी...
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