मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Monday, 11 September 2017
चाँद
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*चित्र साभार गूगल* मुक्तक चाँद आसमान से बातें करता ऊँघने लगा अलसाकर बादलों के पीछे आँखें मूँदने लगा नीरवता रात की मुस्कुरायी सित...
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