मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
Pages
(Move to ...)
Home
प्रकृति की कविताएं
दार्शनिकता
छंदयुक्त कविताएँ
प्रेम कविताएँ
स्त्री विमर्श
सामाजिक कविता
▼
Showing posts with label
मौन अर्ध्य....छंद मुक्त कविता....
.
Show all posts
Showing posts with label
मौन अर्ध्य....छंद मुक्त कविता....
.
Show all posts
Tuesday, 24 September 2019
मौन अर्ध्य
›
विदा लेती भादो की बेहद उदास शाम अनायास नभ के एक छोर पर उभरी अपनी कल्पना में गढ़ी बरसों उकेरी गयी प्रेम की धुंधली तस्व...
22 comments:
›
Home
View web version