मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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शब्द प्रभाव.... छंदमुक्त कविता # जीवन दर्शन#
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Sunday, 15 May 2022
शब्द प्रभाव
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चित्र:मनस्वी खौलते शब्दों के छींटे देह पर गिरते ही भाप बनकर मन में समा जाते हैं... असहनीय वेदना से छटपटाता,व्याकुल भीतर ही भीतर सीझता मन मर...
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