मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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शोक गीत...छंदमुक्त कविता..जीवन दर्शन...मृत्यु #१
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Sunday, 14 June 2020
शोक गीत
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चेतना के बंद कपाट के पार, मनमुताबिक न मिल पाने की तीव्रतम यंत्रणा से क्षत-विक्षिप्त, भरभरायी उम्मीद घूरती है। अप्राप्य इच्छा...
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