मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Monday, 23 September 2019
सजदे
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जहाँ हो बात इंसानियत की मोहब्बत का एहतराम करते हैं इंसान को इंसान समझकर नेकियों के सजदे सरेआम करते हैं मज़हबी दड़बों से बाहर झ...
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