मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Wednesday, 19 September 2018
समुंदर
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मोह के समुंदर में डूबता उतराता मन छटपटाती लहर भाव की वेग से आती आहृलादित होकर किलकती,शोर मचाती बहा ले जाना चाहती है अपनी म...
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