मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Thursday, 1 August 2019
साधारण स्त्री
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करारी कचौरियाँ, मावा वाली गुझिया, रसदार मालपुआ, खुशबूदार पुलाव, चटपटे चाट, तरह-तरह के व्यंजन चाव से सीखती क्योंकि उसे ...
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