मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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स्वयंसिद्ध.... अतुकांत कविता
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Wednesday, 27 March 2019
स्वयंसिद्ध
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धधकते अग्निवन के चक्रव्यूह में समर्पित देती रहीं प्रमाण अपनी पवित्रता का सीता,अहिल्या,द्रौपदी गांधारी,कुंती, और भी असंख्य ...
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