मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Friday, 8 December 2017
हाँ मैं ख़्वाब लिखती हूँ
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हाँ,मैं ख़्वाब लिखती हूँ अंतर्मन के परतों में दबे भावों की तुलिका के नोकों से रंग बिखेरकर शब्द देकर मन के छिपे उद्गगार को म...
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