मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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ख़्वाब में ही प्यार कर....नज़्म
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ख़्वाब में ही प्यार कर....नज़्म
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Thursday, 21 June 2018
ख़्वाब में ही प्यार कर..
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मैं ख़्वाब हूँ मुझे ख़्वाब में ही प्यार कर पलकों की दुनिया में जीभर दीदार कर न देख मेरे दर्द ऐसे बेपर्दा हो जाऊँगी न गिन ज़ख़्म दिल के,...
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