मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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परिभाषा.... छंदमुक्त कविता
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Monday, 21 October 2019
अधिकार की परिभाषा
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परिभाषा ------- जब देखती हूँ अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने की हिमायती माता-पिता के प्रेम और विश्वास को छलती, ख़ुद को भ्रमित क...
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